Varanasi News: पिछले तिथि पर वादी रहे मृतक हरिहर पांडेय के बेटियों की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को हटाने संबंधित अर्जी पोषणीयता पर ही खारिज कर दी गई थी।
सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की अदालत में मंगलवार को ज्ञानवापी के वर्ष 1991 के पुराने मामले में सुनवाई हुई। अब इस मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी। पिछले दिनों आदेश संशोधित अर्जी पर वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दाखिल आपत्ति दाखिल की थी। इस पर बेटियों की ओर से प्रति आपत्ति दाखिल करनी थी। मगर उक्त दिन प्रति उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रति आपत्ति बेटियों की ओर से दाखिल नहीं की गई।
पिछले तिथि पर वादी रहे मृतक हरिहर पांडेय के बेटियों की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को हटाने संबंधित अर्जी पोषणीयता पर ही खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उसी दिन बेटियों की ओर से अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने आदेश में संशोधित करने संबंधित अर्जी दाखिल कर दी थी। दाखिल अर्जी में कहा गया कि आदेश में त्रुटिपूर्ण है। इस पर आदेश को संशोधित करने की गुहार लगाई है।
उस पर वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है। उसमें कहा गया कि इस मामले में दोनों पक्षों के सुनने के बाद ही कोर्ट ने विधि सम्मत आदेश दिया है। इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में हो रिवीजन कर सकते हैं। संशोधित करने संबंधित कोई भी विधि व्यवस्था नहीं है।