December 6, 2025

बलिया। गंगा का वाटर लेवल तेजी से लाल निशान की तरफ बढ़ने लगा है। मंगलवार को गंगा का जलस्तर प्रति घंटा 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की गई। एक सप्ताह नदी में घटाव के बाद अचानक बढ़ाव ने तटवर्ती लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है। जलस्तर में तेजी से हो रहे बढ़ाव से दयाछपरा, दूबेछपरा, रामगढ़ समेत शहर के इलाकों में संभावित बाढ़ का खतरा दिखने लगा है। दियारा में बसे लोगों में चिंता बढ़ गई है। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव को देखते हुए प्रशासनिक व्यवस्था फिर से सक्रिय हो गई है। नदी की बढ़ाव पर होने के कारण नौरंगा में कटान की गति धीमी हो गई है। कटान को रोकने के लिए बाढ़ विभाग की तरफ से कटानरोधी कार्य तेज हो गया है। मंगलवार की शाम 4 बजे गायघाट गेज गंगा नदी का जलस्तर 57.400 मीटर रिकॉर्ड किया गया इसके साथ ही 3 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। गंगा नदी चेतावनी बिन्दु 56.615 मीटर 785 सेमी ऊपर बह रही है। अब नदी का जलस्तर खतरा बिंदु 57.615 से 215 सेमी नीचे है। नदी अब तेजी से लाल निशान की ओर बढ़ रही है।

सुरक्षित ठिकाना तलाशने में जुटे
मझौवां। गंगा नदी के नाटकीय परिवर्तन से तटवर्ती इलाकों के बाढ़ पीड़ितों में हड़कंप मच गया। जहां गंगा नदी सोमवार की शाम तक स्थिर थी कि अचानक मंगलवार की सुबह से बढ़ना शुरू हो गया। नदी प्रयागराज 4 सेमी, वाराणसी व गाजीपुर 3 सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है। गंगा नदी के वृद्धि से नदी के मुहाने पर बसे कटान पीड़ितों ने अपना सुरक्षित ठिकाना तलाशने में जुट गए है। अचानक पानी बढ़ने से बाढ़ क्षेत्र के बाशिंदों में अफरा-तफरी मच गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के किमी 26.250 से 27.950 के बीच नदी का दबाव बनाना शुरू हो गया है। सुघर छपरा, दूबे छपरा, गोपालपुर, उदई छपरा, नौरंगा, भुआल छपरा, भगवानपुर, चक्की नौरंगा के कटान पीड़ितों ने अपने जान-माल की सुरक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं।

निशाने पर पांच गांव
गंगा नदी के एकाएक जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। वह इस बात से सशंकित हैं कि कहीं इस साल भी पतित पावनी की लहरें तबाही न मचा दें। इस साल गंगा नदी के निशाने पर सुघर छपरा, दूबे छपरा, गोपालपुर, उदई छपरा व नौरंगा हैं।

नौरंगा में बंबूक्रेट विधि से कटान रोकने का प्रयास
मंगलवार से नौरंगा गांव में बम्बूक्रेट विधि से कटान रोकने का प्रयास बाढ़ विभाग की तरफ से शुरू कर दिया गया। इसके बाद भी गंगा नदी की मचलती लहरों के आगे धराशाई हो जा रहा है। जिससे तटवर्ती लोगों की नींद हराम हो गई है। कटान पीड़ितों को चिंता सता रही है कि गंगा नदी की उफनाती लहरें दशकों पुराने मकान जो बाप दादाओं ने अपने खून पसीने की कमाई से बनाए हैं, उसे गंगा अपनी आगोश में ना ले लें। 16 जुलाई को चक्की नौरंगा में निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को कटानरोधी कार्य कराने का निर्देश दिया था। नौरंगा गांव के पीड़ित राजमंगल ठाकुर, लकड़ी मिश्र, संजय चौधरी, रामाकांत ठाकुर, अक्षय चौबे, रोहित पाण्डेय ने आरोप लगाया कि कटानरोधी कार्य में घोर अनियमितता एवं मानक की अनदेखी की गई थी। जिसके कारण उपजाऊ भूमि गंगा की धारा में बह रही हैं। अब 25 हजार की आबादी मुहाने पर खड़ी है।बम्बूक्रेट खुद की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है तो इन बस्तियों का बचाव कैसे कर पाएगा। जंगी ठाकुर ने बताया कि मेरा आशियाना नदी से चंद कदम के दूरी पर स्थित है। गंगा के एक झोंका में धराशायी हो जाएगा। जलस्तर में बढ़ोत्तरी होने से एक बार फिर 45 हजार की आबादी को बाढ़ का सामना करना पड़ेगा।

स्रोत: https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/ballia/after-decreasing-for-a-week-the-water-level-of-ganga-started-increasing-ballia-news-c-190-1-bal1002-145109-2025-07-29